कोरबा/सीजी एनएन 24 न्यूज: छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक की अध्यक्षता में कोरबा कलेक्टोरेट सभा कक्ष में जनसुनवाई आयोजित की गई। यह प्रदेश स्तर पर 354वीं और कोरबा जिले की 11वीं जनसुनवाई रही, जिसमें महिला उत्पीड़न और पारिवारिक विवादों से जुड़े विभिन्न मामलों पर सुनवाई की गई।
जनसुनवाई में एक महत्वपूर्ण प्रकरण दीनदयाल एलआईजी हाउसिंग के मकान की रजिस्ट्री से जुड़ा था। आवेदिका की मां ने वर्ष 2014 में अनावेदक से मकान खरीदा था। कब्जा उसी वर्ष दे दिया गया, वहीं परिवार लगातार वहीं निवास कर भी रहा है, लेकिन आज तक मकान की रजिस्ट्री नहीं की गई।
अनावेदक ने सुनवाई में स्वीकार किया कि उसने आवेदिका की मां से 2 लाख रुपये नगद, 3.50 लाख रुपये का चेक प्राप्त किया था। इसकी पुष्टि उसने 2023 में थाना कटघोरा को लिखे पत्र में भी की थी। हालांकि अनावेदक का दावा है कि 3.50 लाख रुपये उसके खाते में जमा नहीं हुए, और चेक डिसऑनर की कोई शिकायत भी नहीं की गई। आयोग ने अनावेदक के इस दावे को असत्य प्रतीत बताया और मामले को गंभीर माना।
आयोग ने निर्देश दिए कि अगली सुनवाई जनवरी 2026 में होगी। इस दौरान अनावेदक को 23 दिसंबर 2015 के चेक के साथ सखी सेंटर में उपस्थित होना होगा। आवेदिका को अपनी बैंक स्टेटमेंट प्रस्तुत करनी होगी, जिससे यह स्पष्ट हो सके कि 3.50 लाख रुपये का भुगतान वास्तव में हुआ था या नहीं।
आवारा कुत्तों के भोजन को लेकर भी मिली शिकायत
महिला आयोग को आवारा कुत्तों को भोजन कराने को लेकर भी शिकायत प्राप्त हुई थी। आयोग ने दोनों पक्षों को समझाइश देते हुए कहा कि सार्वजनिक स्थान पर रात के समय आवारा पशुओं को भोजन कराने के प्रयास बंद करें। शासन की अनुमति से निर्धारित समय में ही भोजन देने और स्थान का ध्यान रखना आवश्यक है।
पुरुष उत्पीड़न पर आयोग का स्पष्ट रुख
महिला आयोग ने बताया कि पुरुषों के घरेलू उत्पीड़न संबंधी मामलों पर भी आयोग सुनवाई करता है। हालांकि, पुरुष सीधे आवेदन नहीं दे सकते, उनके परिवार की कोई महिला सदस्य उनकी ओर से आवेदन प्रस्तुत कर सकती है। आयोग ऐसे मामलों में भी समाधान की दिशा में कार्रवाई करता है।