कोरबा/सीजी एनएन 24 न्यूज: कोरबा स्थित बाल संप्रेषण गृह एक बार फिर सुरक्षा खामियों को लेकर सुर्खियों में है। यहां किचन शेड में काम के दौरान तीन अपचारी बालक मौका पाकर फरार हो गए। घटना के तुरंत बाद एक बालक स्वयं वापस लौट आया, लेकिन दो अन्य की तलाश पुलिस और बाल संप्रेषण गृह प्रशासन द्वारा जारी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े और राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने गृह का निरीक्षण किया।
33 बालक निरुद्ध, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल
गृह में इस समय 33 अपचारी बालक निरुद्ध हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया कि सुरक्षा व्यवस्था में कई कमजोरियों का फायदा उठाकर तीनों बालक बाहर निकलने में सफल हुए। घटना की जानकारी मिलते ही संबंधित सीएसईबी चौकी पुलिस को सूचित किया गया।
अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने जताई नाराजगी
निरीक्षण के बाद राज्य बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डॉ. वर्णिका शर्मा ने कहा कि बच्चों के हित, सुरक्षा और सुविधाओं की समीक्षा की गई है। उन्होंने स्वीकार किया कि कई कमियां मिली हैं, जिन्हें जल्द दूर करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी स्पष्ट किया कि फरारी की घटना को गंभीरता से लेते हुए कर्मचारियों की लापरवाही की जांच कराई जाएगी।
एक बालक लौटा, दो की तलाश तेज
फरार हुए बालकों में से एक बिलासपुर के तोरवा क्षेत्र स्थित अपने परिजनों के पास पहुंच गया था। परिजनों को पहले ही सूचना दे दी गई थी, जिसके बाद उन्होंने बच्चे को समझाकर तोरवा पुलिस के हवाले कर दिया। बालक को दोबारा संप्रेषण गृह में वापस भेज दिया गया है। वहीं दो अन्य बालक अभी भी लापता हैं, जिनकी खोजबीन जारी है।
पहले भी हो चुकी हैं फरारी की घटनाएँ
दर्री मार्ग पर कोहड़िया बस्ती के पास नए सरकारी भवन में संप्रेषण गृह के स्थानांतरित होने के बाद यह फरारी की पहली घटना नहीं है। इसके शुरू होने के दूसरे ही दिन चार किशोर रोशनदान तोड़कर भाग गए थे। इसके बाद दोबारा निर्माण कार्य और निगरानी में कमी का फायदा उठाकर तीन अन्य किशोर भी फरार हुए थे। कुछ महीने पहले इस गृह का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें कर्मचारी बच्चों के साथ रील बनाते दिखे थे।
लगातार सामने आ रही घटनाओं ने बाल संप्रेषण गृह की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, और जिम्मेदारों पर कार्रवाई की मांग तेज हो गई है।